जैन धर्म तीर्थ यात्रा - Post No. 97 


जय जिनेंद्र मित्रो, आज की हमारी भाववन्दना भिंड, मप्र के अंतर्गत गहरी चंबल नदी की घाटी में स्थित अटेर (प्राचीन नाम - विंध्याटवी) में बनाये गए, एक अति प्राचीन भव्य जिनालय की है । यह मंदिर भिंड ज़िले से 35 कि.मी. पश्चिम में स्थित है। #जैन_धर्म_तीर्थ_यात्रा

1. यहां मंदिर जी मे तीन बहुत सुंदर वेदियाँ बनी हुई हैं । मूल वेदी में मूलनायक श्री १००८ महावीर भगवान की अति मनोहर प्रतिमा जी विराजित है । दूसरी वेदी पर श्री नेमिनाथ भगवान की प्रतिमा विराजित है । व तीसरी वेदी पर देवाधिदेव श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा जी के साथ भरत भगवान व बाहुबली भगवान जी की प्रतिमा विराजमान हैं । यहां बहुत प्राचीन जिनबिम्ब भी विराजमान हैं ।

2. इस दिगम्बर जैन मंदिर का निर्माण 800 वर्ष से भी पहले का माना जाता है । इस पूरे क्षेत्र को विंध्यांचल राज्य के नाम से जाना जाता था । जिसमे विंध्यकानन (वर्तमान में भिंड), व विंध्य का ऊपरी क्षेत्र विंध्याटवी (वर्तमान नाम अटेर) के नाम से जाना जाता था ।

3. इस मंदिर में विराजित अदभुत जिनबिम्बो की बनावट शैली बहुत सुंदर है । प्राचीन जैन धर्म नगरी रही अटेर में जैन धर्म का परचम आज तक लहरा रहा है ।

4. इस अतिशयकारी जैन मंदिर से लगभग कुछ ही दूर पर लगभग एक 350 से 400 वर्ष पुराना एक किला बना हुआ है । इस किले का नाम मूल देवगिरि दुर्ग है, परंतु कम ही लोग इस दुर्ग को इसके मूल नाम से जानते है,,, इस किले को लगभग 1664 से 1668 के बीच बनवाया था। #आओ_जैनधर्म_को_जानें

5. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि महाभारत में जिस देवगिरि पहाड़ी का उल्लेख आता है यह किला उसी पहाड़ी पर स्थित है। इसका मूल नाम देवगिरि दुर्ग है।

6. मंदिर जी की व्यवस्था व संचालन "जैन युवा संगठन" की ओर से किया जाता है। हाल ही में, यहां भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है ।

7. यहां पर जैन युवा संगठन, इस प्राचीन जिनालय के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य के लिए पुरजोर तरीके से प्रयास कर रहा है, जिससे की इस प्राचीन धरोहर को सुरक्षित कर सके, साथ ही एक सर्व सुविधायुक्त धार्मिक क्षेत्र के रूप विकसित कर सकें ।

इस मंदिर के निकट कई जैन तीर्थ हैं -
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र -
1. शौरीपुर बटेश्वर - 92 कि.मी.,
2. बरासोंजी - 49 कि.मी.,
3. सिहोंनियाँजी-100 कि.मी.,
4. पावई जैन तीर्थ -40 कि.मी.,
5. मरसलगंज(उ.प्र.)-141 कि.मी.
6. बल्लभपुर (बरही) - 37 किमी
7. महामृत्युञ्जय तीर्थ उदी इटावा- 35 कि.मी.

निकटवर्ती मुख्य स्थानों से दूरी
भिंड - 29 किमी
इटावा - 51 किमी
जैतपुर कलां - 68 किमी
बाह - 81 किमी
आगरा-200 कि.मी.,
कानपुर -204 कि.मी.

कैसे पहुंचा जाये?
इटावा - भिंड मार्ग पर फूप से 31 किमी पर यह स्थित है । यह सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

ट्रेन - इटावा रेलवे स्टेशन
वायु - ग्वालियर हवाई अड्डा

यहां प्रतिवर्ष अश्विन कृष्ण चतुर्थी को वार्षिक मेला महोत्सव होता है, इस वर्ष यह 14 सितंबर 2022 दिन बुधवार को है । इसका आयोजन सकल दिगम्बर जैन समाज, अटेर द्वारा बडे भव्यता के साथ आयोजित किया जाता है ।

सम्पर्क सूत्र :-
संरक्षक :- श्री मोहन लाल जी जैन
8959961980
अध्यक्ष :-श्री प्रभाष चंद्र जी जैन
8103583208
कोषाध्यक्ष:- श्री रजनीकांत जैन 9165373945

जैन युवा संघठन अटेर
संपर्क सूत्र:-
अध्यक्ष:- गौरव जैन 7987029094
कोषाध्यक्ष :- लकी जैन 9826817960
सचिव :- प्रवीण जैन 8821052593
तकनीकी मंत्री :- वैभव जैन 9302845313

यहां पर रुकने की व्यवस्था है
4 कमरे
1 हॉल

एक बार इस पावन व अद्भुत मन्दिर के दर्शन अवश्य करे ।
आपका मित्र,
सुलभ जैन (बाह)
Sulabh Jain (Bah, Distt. - Agra)
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